हम सब जानते है की बेटिया पराई धन होती है और एक न एक दिन माँ बाप का घर चोर जाती है
लेकिन बेटिया ही नहीं साहब बेटे भी घर छोर जाते है
घर की यद् आती है लेकिन बिलकुल ठीक कहते है 100 - 100 खोवाइश वाले बस कुछ नहीं चाहिए कहते है
पैसे कमाने के जरुरत में ओ घर से अजनबी बन जाते है ,बेटे भी घर छोर जाते है
"पेटवा के खातिर छूटे घरवा दुवार बाबूजी के प्यार छूटे मई के दुलार"
आप बीई कहानी
बना बनाया खाने वाले अब खाना खुद बनाते है माँ बहन बीबी का बनाया खाना कहा खा पते है.
कभी थके हरे भूखे भी सो जाते है. ,बेटे भी घर छोर जाते है
मुहल्ले की गालिया जाने पहचाने रस्ते जहा दौड़ा करते थे अपनों के वास्ते माँ बाप यार दोस्त सब पीछे जाते है
तन्हाई में करके यद् आशु बहते है,बेटे भी घर छोर जाते है,
"जाइ परदेश तू करिबे कमाई जीवन रिवार हा मर सुख से बिताई"
"यद् आवे संघी साथी खेलवा तोहार, बाबूजी के प्यार छूटे मई के दुलार"
तकिये के बिना कही भी सोने से कतराते थे
आकर कोई देखे ओ कही भी सो जाते है.
खाने में सौ सौ नखरे वाले अब कुछ भी खा लेते है
अपने रूम में किसी को नहीं आने देने वाले अब एक बिस्तर पर सबके साथ एडजेस्ट हो जाते है
लडके भी घर छोर जाते है.
नई नवेली दुल्हन जान से प्यारे भाई बहन छोटे छोटे बचे चाचा चची ताऊ ताई सब छुड़ा देती है साहब ये रोटी और कमाई , मत पूछो इनका दर्द ओ कैसे छुपाते है। ...
बेतिया ही नहीं साहब बेटे भी घर छोर जाते है।
"रही रही यद् आवे बहिना तोहार।,बाबूजी के प्यार छूटे मई के दुलार"
Note:- धर्म सन्देश कृपया आप हमारे इस पोस्ट्स को पढ़े।
सत्य वचन - 5 Bete Bhi Ghar Chor Chor Jate-बेटे भी घर छोर जाते है
Reviewed by Mainuddin Ansari
on
Thursday, November 23, 2017
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