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सत्य वचन - 17(बड़ी अजीब सी है। जिंदगी।)

अच्छे काम करते रहिये, चाहे लोग तारीफ करे या न करे। 


आधी से ज्यादा दुनिया सोती रहती है, सूरज फिरभी उगता है और रोशनी बटता  है। 




बड़ी अजीब सी है। जिंदगी।

जो चाहा कभी पाया नहीं ,
जो पाया कभी सोचा नहीं, 
और जो सोचा कभी मिला नहीं,
और जो मिला रस आया नहीं। 
जो खोया हुआ है वो यद् आता है,
और जो पाया संभाला जाता नहीं। 

क्यों अजीब से है जिंदगी,
कोई सुलझा पता नहीं। 

जीवन में कभी समझावता करना पड़े,
तो कोई बड़ी बात नहीं क्योकि,
झुकता वही है जिसमे जान होती है,
अकड़ तो मुर्खता की पहचान होती है। 

जिंदगी जीने का दो तरीका होता है। 
पहला जो पसंद आये, उसे हासिल करना सीखो। 
और दूसरा जो हासील है, उसे पसंद करना सीखो।

जिंदगी जीना आसान नहीं होता,
बिना संघर्ष के कोई महँ नहीं होता,
जबतक न पड़े हथोड़े की चोट,
पथ्थर भी भगवन नहीं होता।

जिंदगी बहोत कुछ सिखाती है,
कभी हासती है तो कभी रुलाती है, 
पर जो हर हल में खुश रहता है,
जिंदगी उसी के आगे सर झुकाती है,

चहरे की हसी से, हर गम छुपाना। 
बहोत कुछ बोलना, पर कुछ न छुपाना।
खुद न रूठो, पर सबको मनाना,

रास  है जिंदगी, बस जीते चले जाओ। 




अगर ग्लास दूध से भरा हुआ है तो
आप उसमे और दूध नहीं डाल सकते.
लेकिन,
आप उसमें शक्कर डाले तो
शक्कर अपनी जगह बना लेती है,
और अपना होने का अहसास दिलाती है.
ठीक उसी प्रकार,
अच्छे लोग हर किसी के दिल में
अपनी जगह बना  लेते हैं। 

दो चम्मच हँसी और चुटकी भर मुस्कान,

बस यही खुराक है ख़ुशी की पहचान। 


Note:- धर्म सन्देश कृपया आप हमारे इस पोस्ट्स को  पढ़े।


सत्य वचन - 17(बड़ी अजीब सी है। जिंदगी।) सत्य वचन - 17(बड़ी अजीब सी है। जिंदगी।) Reviewed by Mainuddin Ansari on Thursday, December 07, 2017 Rating: 5

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