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सत्य वचन -27 || दोस्त - दोस्त के कब्र पर क्यों हँसाने लगा ||


🍁इस दास्ताँ ​ ने तो💞 ​दिल​ को,
छू लिया...🚶🏻

🚶🏻एक दोस्त अपने दोस्त के जनाजे​⚰को देख कर मुस्कुराया !😊

तो एक बुजुर्ग👴🏻ने कहा :- "बेटा! जवान मौत​🚶🏻पर मुस्कुराते😊 नहीं!"   

लड़के ने आँखें👁साफ कि ,
और बोला 😌:- "बाबा क्या बताऊँ,  दिल तो खून​❣के आँसु रो रहा है !😔
लेकिन🚶🏻 दोस्त से वादा👋🏻किया था,🍁
जब भी✌🏻 मिलेंगे...
हँसते हुए मिलेंगे.!😊



🚶🏻उसने कहा था :- "मैं जब मर जाऊँ,​😌तो हसतें हुए आना यारों,​❣क्यों की उस वक्त​⚰मेरे हाथ👋🏻तुम्हारे आंसू💦नहीं पोंछ सकेंगे!"🚶🏻❣🍁😔🍂


"कद्र" करनी है तो "जीते जी" करें
"मरने" के बाद तो "पराए" भी रो देते हैं
आज "जिस्म" मे "जान" है तो
देखते नही हैं "लोग"
जब "रूह" निकल जाएगी तो
"कफन" हटा हटा कर देखेंगे
किसी ने क्या खूब लिखा है
"वक़्त" निकालकर
"बाते" कर लिया करो "अपनों से"
अगर "अपने ही" न रहेंगे
तो "वक़्त" का क्या करोगे
"गुरुर" किस बात का!. "साहब"
आज "मिट्टी" के ऊपर


तो कल "मीट्टीकै नीचे.
  
🍀🍀🌹🍀🍀
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*सत्य को कहने के लिए किसी,*
          *शपथ की जरूरत नहीं होती।*

*नदियों को बहने के लिए किसी,*
          *पथ की जरूरत नहीं होती।*

*जो बढ़ते हैं जमाने में,*
          *अपने मजबूत इरादों के बल,*

*उन्हें अपनी मंजिल पाने के लिए,*
          *किसी रथ की जरूरत नहीं होती।*

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🍀🍀🌹🍀🍀
*अपने कर्म पर विश्वास रखिए*
       *राशियों पर नही....!*
*राशि तो राम और रावण की भी*
           *एक ही थी.....!*
  *लेकिन नियती ने उन्हें फल*
    *उनके कर्म अनुसार दिया*
जब तक साँस है,
"टकराव" मिलता रहेगा। जब तक रिश्ते हैं,
"घाव" मिलता रहेगा। पीठ पीछे जो बोलते हैं,
उन्हें पीछे ही रहने दे। अगर हमारे कर्म,
भावना और रास्ता सही है तो गैरों से भी लगाव मिलता रहेगाl
वक़्त बीतने पर अक़्सर ये अहसास होता है कि जो छूट गया वो लम्हा ज्यादा बेहतर था!*
  🍀🍀🌹🍀🍀
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*_विचार बहता हुआ "पानी" है_!*
      *_यदि "इसमें" आप_*
*_गंदगी "मिलाएंगे" तो वो_*
     *_"नाला" बन जायेगा_!*
*_और "सुगंध" मिलाएंगे तो फिर_!*
    *_वही "गंगाजल" कहलायेगा_!*

*_कोशिश करो "जिंदगी" का_!*
      *_हर "लम्हा" अच्छे से गुजरे_*
*_क्योंकि "जिंदगी" रहे ना रहे_!*
     *_मगर अच्छी "यादें" हमेशा_!*
      *_"जिंदा" रहती हैं _*

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*लोग डूबते हैं तो समुंदर को दोष देते हैं,*
                *मंजिल ना मिले तो किस्मत को दोष देते हैं,*
*खुद तो सम्भल कर चलते नहीं,*
          *जब लगती है ठोकर तब पत्थर को दोष देते हैं ।* *जमाना क्या कहेगा ये मत सोचो...*
*क्योंकि ज़माना बहुत अजीब हैं,*
*नाकामयाब लोगो का मज़ाक उड़ाता हैं*
*और कामयाब लोगो से जलता हैं!*
*अगर लोग सिर्फ़ समझाने से समझते तो*
*बांसुरी बजाने वाला कभी महाभारत नहीं होने देता !*
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*साथ रह कर जो छल करें,*

     *उससे बड़ा कोई शत्रु*

        *नहीं हो सकता*

*और*
    *जो हमारे मुंह पर*
        *हमारी बुराइयां बता दे,*
            *उससे बड़ा कोई*
                *मित्र हो नहीं सकता ।*
*याद रहें*
    *साफ-साफ बोलने वाला*
       *कड़वा जरुर होता है*
         *पर धोखेबाज़*
            *हर्गिज़ नहीं हो सकता*

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      ✏कुछ बोलने और तोड़ने में
            केवल एक पल लगता है
          जबकि बनाने और मनाने में
            पूरा जीवन लग जाता है।
                       प्रेम सदा
          माफ़ी माँगना पसंद करता है,
                 और अहंकार सदा
          माफ़ी सुनना पसंद करता है..✍🏻     
                 🙏🏻🙏🏻
      🙏🌿🌺🌺🌿🙏
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            उम्र में चाहे कोई बड़ा या छोटा हो,
लेकिन वास्तव में बड़ा तो वही है,
जिसके दिल में सबके लिए प्रेम, स्नेह
और सम्मान की भावना हो॥
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🌺✍🏻 एक 'माटी' का 'दिया' है जो..,
सारी रात अंधियारे से लड़ता है।
         ☄☄☄☄☄
तू तो "भगवान" का 'दिया' है,
तु किस बात से डरता है।।✍🏻🌺


हथेली पर रखकर नसीब..
     "तु क्यों अपना 
            मुकद्दर ढूँढ़ता है.."

सीख उस समन्दर से..  
      "जो टकराने के लिए
             पत्थर ढूँढ़ता है.."

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Note:- धर्म सन्देश कृपया आप हमारे इस पोस्ट्स को  पढ़े।

सत्य वचन -27 || दोस्त - दोस्त के कब्र पर क्यों हँसाने लगा || सत्य वचन -27 ||  दोस्त - दोस्त के कब्र पर क्यों हँसाने लगा || Reviewed by Mainuddin Ansari on Sunday, February 11, 2018 Rating: 5

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