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सत्य वचन -23 प्यार, मोहब्बत, इश्क, सनेह, जुनुन, पागलपन


üüमुस्कान प्रेम की भाषा है,
ü  सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता और भी दुर्लभ है,
ü  अहंकार छोडे बिना सच्चा प्रेम नही किया जा सकता,
ü  प्रसन्नता स्वास्थ्य देती है, विषाद रोग देते है,
ü  प्रसन्न करने का उपाय है, स्वयं प्रसन्न रहना,
ü  अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नही होता,
ü  एक गुण समस्त दोषो को ढक लेता है,
ü  दूसरो से प्रेम करना अपने आप से प्रेम करना है,
ü  जीवन उस इंसान के साथ बिताएँ जो आपको खुशी दे, उसके साथ नहीं जिसे आप को हमेशा प्रभावित करना पड़े, –
ü  प्रेम ही है जो बेंच के दोनों किनारों पर जगह खाली होने पर भी दो लोगों को बीच में खींच लाता है,
ü  आप किसी से इसलिए प्रेम नहीं करते क्योंकि वे खूबसूरत हैं, बल्कि वे खूबसूरत हैं क्योंकि आप उनसे प्रेम करते हैं, –
ü  सच्चा प्रेम भूत की तरह है – चर्चा उसकी सब करते हैं, देखा किसी ने नहीं,
ü  प्रेम के बिना जीवन एक ऐसे वृक्ष के समान है, जिस पर न कोई फूल हो, न फल,
ü  एक व्यक्ति दूसरे के मन की बात जान सकता है, तो केवल सहानुभूति और प्यार से, उम्र और बुद्धि से नहीं,
ü  अहंकार छोडे बिना सच्चा प्रेम नही किया जा सकता,
ü  दूसरो से प्रेम करना अपने आप से प्रेम करना है,
ü  प्रेम एक ऐसा फल है, जो हर मौसम में मिलता है और जिसे सभी पा सकते हैं,
ü  हर सच्चा क्रांतिकारी वास्तव में गहन प्रेम की भावना से संचालित होता है,
ü  मुहब्बत त्याग की मां है, जहां जाती है, बेटे को साथ ले जाती है,
ü  इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएं हैं: एक दुख और दूसर श्रम, दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्य का विकास नहीं होता,
ü  हम जब तक स्वयं माता-पिता नहीं बन जाएं, माता-पिता का प्यार कभी नहीं जान पाते,
ü  अपने स्नेह का पूर्ण प्रदर्शन किए बिना आप अपना स्नेह-भाव दूसरों तक नहीं पहुंचा सकते,
ü  प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है,
ü  वही समाज सदैव सुखी रहकर तरक्की कर सकता है, जिसमें लोगों ने आपसी प्रेम को आत्मसात कर लिया,
ü  एक प्रेम-युक्त ह्रदय सभी ज्ञान का प्रारंभ है-थोमस कैर्लाय्ले
ü  कभी – कभी एक पावरफुल चश्मा ही प्यार में पड़े इंसान के इलाज़ के लिए पर्याप्त होता है,
ü  एक छोटी सी  आशा प्यार के जन्म के लिए पर्याप्त होती है,
ü  एक औरत जिस आदमी से प्यार करती है उसका चेहरा ऐसे जानती है जैसे एक नाविक खुले समुन्द्र को,
ü  हमारे जीवन में जो भी दृढ और स्थायी ख़ुशी है उसके लिए नब्बे प्रतिशत प्रेम उत्तरदायी है,
ü  सभी प्रेम परिवर्तित होते हैं और उनमे बदलाव आता है. मुझे नहीं पता है कि आप हर समय प्रेम में रह सकते हैं,
ü  सभी मनुष्य एक प्रेमी से प्यार करते हैं. राल्फ वाल्डो एमर्सन
ü  प्यार होते ही सभी कवी बन जाते हैं,
ü  किसी के द्वारा अत्यधिक प्रेम मिलने से आपको  शक्ति मिलती है, और किसी को अत्यधिक प्रेम करने से आपको साहस मिलता है,
ü  हम आदर्श प्रेम का निर्माण करने कि बजाये आदर्श प्रेमी  को खोजने में अपना समय बर्वाद कर देते हैं,
ü  जब  प्यार पागलपन ना हो तो वो प्यार नहीं है,

ü ब्यक्ति के दिलो का मिलान है प्रेम,


Note:- धर्म सन्देश कृपया आप हमारे इस पोस्ट्स को  पढ़े।




सत्य वचन -23 प्यार, मोहब्बत, इश्क, सनेह, जुनुन, पागलपन सत्य वचन -23 प्यार, मोहब्बत, इश्क, सनेह, जुनुन, पागलपन Reviewed by Mainuddin Ansari on Saturday, December 16, 2017 Rating: 5

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