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सत्य वचन - 22 (रिश्तो की वजह स्पस्ट, हमारा आर्य समाज और आज, खुस रहने के लिए कौए की कहानी)


पत्थर तब तक सलामत है, जब तक वो  पर्वत से जोड़ा है।

पता जब तक सलामत है, जब तक वो से जोड़ा है।
इंसान तब तक सलामत है जब तक वो  परिवार से जोड़ा है।
क्योकि परिवार से अलग होकर, आजादी तो मिलजाती है लेकिन संस्कार चले जाते  है।
आप अकेले बोल तो  सकते है, परन्तु बातचीत नहीं कर सकते।
अकेले आप मुस्कुरा तो सकते है, परन्तु हषोर्ल्लास नहीं मन सकते।
हम सब एक दूसरे के बिना कुछ नहीं, यही  रिश्तो की खूबसूरती है।
करीब इतना रहो की, सब रिस्तो में प्यार रहे।
दूर भी इतना रहो की, आने का इंतजार रहे।
रखो उम्मीद रिस्तो के  दरमियान इतनी की, टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहे।
सख्त हाथो से भी टूट जाती है, उंगलिया रिश्ते जोर से नहीं तमीज से थामे जाते है।
जीवन में ज्यादे  रिश्ते होना जरुरी नहीं, पर रिश्ते में जीवन होना जरूरी है।
इसाई समुदाय ने, इसा मसीह के नाम पर एक १५० देस बना लिए।
मुस्लमान समुदय ने, मुहमद के नाम पर ५६ देस बना लिए।
हिन्दू को देखो विश्र्व गुरु से आज अंतिम साँस गीन रहा है।
करण राम को छोर कर, आसराम और रामपाल को अपना लिया।
श्री कृष्ण को छोर, साई बाबा (चाँद मियां )को अपना लिया।
गुरु गोबिंद सिंह को छोड़ा, राम रहीम को सच्चा सौदा बना लिया।
हनुमान का ब्रम्हचर्य छोर दिया, और ओसो का सम्भोग अपना लिया।
सरे क्रांतिकारी छोर, फ़िल्मी सितारे को असली हीरो मान लिया।
शाकाहारी छोर दिया, और -सराब मांसाहार अपना लिया।
बिज्ञान और धर्म की सिक्छा देने वाले वेद छोर दिए, और - जादू टोना चमत्कार और तिंत्र अपना लिए।
वेद।
अब भी देर नहीं हुई
आखे खोलो और सावधान हो जाओ।
जो देश अपने महापुरुषो को भूल जाता है।
उन देशो के नक़्शे सिमट जाते है।
अब समय है बैदिक संस्कृति को अपना कर, अपने मूल आधार के तरफ लौट चले।
आर्य समाज के साथ चले।



एक मनहूस कौए की कहानी,
एक कौआ बहोत दुखी था उसे लगता था की भगवन ने उसे नहीं अच्छा रूप दिया है और नहीं अच्छा गाला।
उसे ऐसा लगता था की अच्छा रूप हो और अच्छा गाला हो तो ब्यक्ति की जीवन में खुसी - ही - खुसी है।
लेकिन मेरे जीवन में खुस होने के लिए  गुण नहीं है।
तब उसकी नजर एक कोयल पे जाती है उसे लगता है की कोयल की कितनी मीठी आवाज मिली है इसी लिए सायद ओ खुश होगी।
कोयल के पास जाता है और पूछता है की तुझे भगवन ने इतना अच्छा गाला दिया है तुतो खुश होगी न !
इसपर कोयल कहती है की बगुले के पास तो अच्छा गाला भी होता है और अच्छा रूप भी होता है।
भगवन ने तो मुझे सिर्फ और सिर्फ गाला दिया है पर रूप नहीं तो सायद मेरे से ज्यादा हैप्पी तो बगुला होगा।
ओ  कौवा उडाता हुआ बगुले के पास जाता है,  और कहता है की भगवन ने तुझे इतना अच्छा रूप  दिया है इतना अच्छा गाला भी दिया है तो तू तो बहोत ज्यादा खुस होगा न ?
तब बगुला कहता है,भगवन ने  मुझे सिर्फ एक ही रंग दिया है तोते को तो अच्छा गाला भी दिया है और अच्छा रंगीन भी बनाया है, तो सायद मेरे से ज्यादा हैप्पी तो वो एक तोता हो सकता है।
तो कौवा सोचता है की बात तो सही है फिर उड़ता हुआ तोते के  पास जाता है, और तोते से पूछता है की तुम्हे इतना अच्छा गाला और रंग रूप दिया  है तु तो खुस है न?
तब तोता मन ही मन में सोचता हुआ कहता है, की सायद मेरे से ज्यादा खुश तो मोर को होना चाहिए।
कवा बोला क्यों ?

मोर बोला - मुझे तो भगवन ने सिर्फ दो ही रंग दिया है उसे तो कई गुणा रंग दिया है। और मोर के पास तो लोग फोटो खिचवाने का भी सौख रखते है, वो कब नाचे - लोग उसका राह देखते है मेरे से ज्यादा खुस तो उस मोर को होना चाहिए।
फिर ये सुनकर ये कौवा उडाता हुआ एक मोर के पास जाता है, और कहता है की मुझे लगता है की तू अपनी जीवन में सबसे ज्यादा खुश होगा क्यों की भगवन ने तुम्हे बहोत खूबसूरत और रंगीन बनाया है। तू कब नाछे इसका इंतजार भी लोग करते है, तुम्हारे साथ लोग फोटो खिचवाना चाहते है, तो सायद तेरे से ज्यादा कोई खुश नहीं हो सकता!
इसके बाद मोर उसे प्यारा सा जबाब देता है, की मेरे से ज्यादा खुश तो तू कौवा है।
फिर कौवा सोच में पड़ जाता है! की मई तो हैप्पी नहीं? ऐसी बात कैसे - कौए ने पूछा कैसे?
इसपर ओ  मोर प्रतिउत्तर देता है की आज तक मै  जितने चिड़ियाघर में गया किसी में भी कौए को मैंने कैद नहीं देखा।
तब जा के कौए के  दिमाग को सुकून मिलता है की मेरे जीवन में अच्छा रंग रूप न होना या अच्छा गाला न होना ये छोटी बात है।
लेकिन मेरे लिए खुसी रहने का वजह है की मै  कभी पिजरे में बंद नहीं हुआ आज तक।

सेम है मित्रो की ये  कहानी सुनाने वाले सारे मित्रो को मै  यही बात कहना चाहता हु की।
ज्यादातर हम दुसरो के सुख को, सम्पति को देख के ऐसा ही मानते है की सायद वो खुश होगा।
पर दोस्तों आपके जीवन में कौन सी अच्छी चीजे है, आपकी जीवन में कौन - कौन से गुन भगवन ने दी है , कौन से अच्छी हुनर आपको दिए हुए है।
यदि आप उसके ऊपर ध्यान देंगे तो आप जिंदगी भर खुस रहेंगे।
सत्य वचन 
रिश्तो की वजह स्पस्ट
हमारा आर्य समाज और आज 
खुस रहने के लिए कौए की कहानी

Note:- धर्म सन्देश कृपया आप हमारे इस पोस्ट्स को  पढ़े।


सत्य वचन - 22 (रिश्तो की वजह स्पस्ट, हमारा आर्य समाज और आज, खुस रहने के लिए कौए की कहानी) सत्य वचन - 22 (रिश्तो की वजह स्पस्ट, हमारा आर्य समाज और आज,  खुस रहने के लिए कौए की कहानी) Reviewed by Mainuddin Ansari on Tuesday, December 12, 2017 Rating: 5

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