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सत्य वचन - 20 (कीमत, रिश्ते, सूर्योदय, बफादार, मुसीबत, दादा गिरी, हमदर्द और रविवार पर खाश बातें।)


सीके हमेसा आवाज करते है मगर नोट हमेसा खामोस रहता है। 
इस लिए जब आपकी कीमत बढे तो सांत रहिये, अपनी हैसियत का शोरमचाने का जिम्मा आपसे कम कीमत वालो के लिए है।

अच्छे लोगो की सबसे बढ़ी खूबी ये होती है की उन्हें याद रखना नहीं परता वो याद रह जाते है।

आप कोई भी अदभुत कार्य करो और लोग उसको नजर -अंदाज करे तो निरास मत होना।
कियोकि सूर्योदय के बख्त कई लोग सो रहे होते हे।

अपने इच्छा को अपने बस में रखना चाहिए, दूसरे की मुठी में नहीं।

जरूरी नहीं की कुत्ते ही बफादार निकले, वक्त आने पर आपका बफादार भी कुत्ता निकल सकता है।

खुसिया हमेसा चन्दन की तरह होती है, दूसरे की माथे पर लगावो तो अपनी भी महक जाती है। 

पिता की मौजूदगी सूरज की तरह होती है, सूरज गर्म जरूर होता है अगर ना हो तो अँधेरा छा जाता है।

अगर आप किसी के मदत करते है, तो कभी एहसान नहीं जताये क्योकि ऐसा करने से आपकी पूरी अच्छाई ख़त्म हो जाती है।

मुसीबत में ये मत सोचो की कौन काम आएगा ,बल्कि ये सोचो की अब कौन छोड़ जायेगा। 

इरादे मेरा हमेसा साफ़ होते है , इसलिए कई लोग मेरे खिलाफ होते है।

हर इंसान अपनी जुबा के पीछे छुपे हुए है, अगर उसे समझना है तो उसे बोलने दो।

गलत तो गलत है चाहे इसे सारी दुनिया कर रही हो, सही तो सही है चाहे इसे आप अकेले कर रहे हो। 

कुँए  में उतरने वाली बाल्टी अगर झुकती है, तो वो भरकर बहार आती है। 
जीवन का भी यही गाडित हैं, जो झुकता है वही प्राप्त करता है। 
दादा गिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे, लोग पैदल चलेंगे और हम लोगो के कंधो पर। 

जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता, स्वयं बनाना पड़ता है। 
जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसे ही मंजिल मिलती है। आपने क्या किया ?


जिंदगी में कभी किसी को बेकार मत समझना क्यों की बंद पड़ी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है।

दुनिया आपको उस वक्त तक नहीं हरा सक्ति, जबतक आप खुद से न हार जाओ। 

रिश्ते और पौधे दोनों एक जैसे होते है लगा कर भूल जाओ तो दोनों ही सुख जाते है।
रिश्ते बनते रहे उतना ही बहुत है, सब हस्ते रहे इतना ही बहुत है। 
हर कोई हर वक्त साथ नहीं रह सकता, याद एक दूसरे को करे इतना ही बहुत है।

इस दुनिया में कोई भी किसी का हमदर्द नहीं होता, लास को समसन में रखकर अपने लोग ही पूछते है और कितना वक्त लगेगा।

एक रबिबार ही तो है जो रिश्ते संभालता है, बाकि दिन तो किश्ते संभालने में निकल जाते है।

रिश्तो की डोरी तब कमजोर होती है, जब इंसान गलत  फहमी में पैदा होने वाले सवालो का जबाब खुद ही बना लेता है। 
Note:- धर्म सन्देश कृपया आप हमारे इस पोस्ट्स को  पढ़े।


सत्य वचन - 20 (कीमत, रिश्ते, सूर्योदय, बफादार, मुसीबत, दादा गिरी, हमदर्द और रविवार पर खाश बातें।) सत्य वचन - 20 (कीमत, रिश्ते, सूर्योदय, बफादार, मुसीबत, दादा गिरी, हमदर्द और रविवार पर खाश बातें।) Reviewed by Mainuddin Ansari on Sunday, December 10, 2017 Rating: 5

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