हमारे बचपन में
कपड़े तीन टाइप
के
ही होते थे
स्कूल का घर
का और किसी
खास मौके का
अब तो कैज़ुअल,
फॉर्मल, नॉर्मल,
स्लीप वियर, स्पोर्ट वियर,
पार्टी वियर,
स्विमिंग, जोगिंग, संगीत ड्रेस,
फलाना - ढिमका
जिंदगी आसान बनाने
चले थे पर
वह कपड़ों की तरह
कॉम्प्लिकेटेड हो
गयी है
बचपन में
पैसा जरूर कम
था
पर साला उस
बचपन में दम
था
पास में महंगे
से मंहगा मोबाइल
है
पर बचपन वाली
गायब वो स्माईल
है
न गैलेक्सी, न वाडीलाल,
न नैचुरल था,
पर घर पर
जमीं आइसक्रीम का
मजा ही कुछ
ओर था
अपनी अपनी बाईक
और कारों
में घूम रहें
हैं हम
पर किराये की उस
साईकिल का मजा
ही कुछ और
था
बचपन में पैसा
जरूर कम था
पर यारो उस
बचपन में दम
था
कभी हम भी
बहुत
अमीर हुआ करते
थे हमारे भी
जहाज चला
करते थे।
हवा में भी।
पानी में भी।
दो दुर्घटनाएं हुई।
सब कुछ ख़त्म
हो गया।
पहली दुर्घटना
जब क्लास में हवाई
जहाज उड़ाया।
टीचर के सिर
से टकराया।
स्कूल से निकलने
की नौबत आ
गई।
बहुत फजीहत हुई।
कसम दिलाई गई।
औऱ जहाज बनाना
और उडाना सब
छूट गया।
दूसरी दुर्घटना
बारिश के मौसम
में, मां ने
अठन्नी दी।
चाय के लिए
दूध लाना था।कोई
मेहमान आया था।
हमने अठन्नी गली की
नाली में तैरते
अपने जहाज में
बिठा दी।
तैरते जहाज के
साथ हम शान
से चल रहे
थे।
ठसक के साथ।
खुशी खुशी।
अचानक तेज बहाब
आया।
और
जहाज डूब गया।
साथ में अठन्नी
भी डूब गई।
ढूंढे से ना
मिली।
मेहमान बिना चाय
पीये चले गये।
फिर जमकर ठुकाई
हुई।
घंटे भर मुर्गा
बनाया गया।
औऱ हमारा पानी में
जहाज तैराना भी
बंद हो गया।
आज जब प्लेन
औऱ क्रूज के
सफर की बातें
चलती हैं , तो
उन दिनों की
याद दिलाती हैं।
वो भी क्या
जमाना था !
और
आज के जमाने
में
मेरे बेटी ने.
पंद्रह हजार का
मोबाइल गुमाया तो
मां बोली कोई
बात नहीं ! पापा
दूसरा दिला देंगे।
हमें अठन्नी पर मिली
सजा याद आ
गई।
फिर भी आलम
यह है कि
आज भी हमारे
सर मां-बाप
के चरणों में
श्रद्धा से झुकते
हैं।
औऱ
हमारे बच्चे 'यार
पापा ! यार मम्मी
!
कहकर बात करते
हैं।
हम प्रगतिशील से प्रगतिवान
हो गये हैं।
कोई लौटा दे
मेरे बीते हुए
दिन।।
माँ बाप की
लाइफ गुजर जाती
है *बेटे
की लाइफ बनाने
में*
और बेटा status रखता
है
My wife is my Life
Note:- कुछ पल के लिए मुस्कुराये यहाँ क्लिक करे।
Remember Childhood - बचपन की यादे!(हमारे भी जहाज चला करते थे)
Reviewed by Mainuddin Ansari
on
Saturday, December 16, 2017
Rating:
No comments:
Bhojpuri Manoranjan Aur Bhaw