दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं
बनी।
दरिया -: खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़ -: खुद अपना फल नहीं खाते।
मधुमक्खी -: खुद अपना शहद नही खाती!
फूल कभी अपना खुसबू नहीं लेता !
मालूम है क्यों,
क्योंकि दूसरों के लिए ही
जीना ही असल जिंदगी हैं।
परन्तु भरोसा
बहुत गहरा होना चाहिये..
गुरु वही श्रेष्ठ होता है
जिसकी प्रेरणा से
किसी का चरित्र बदल जाये
और मित्र वही श्रेष्ठ होता है
जिसकी संगत से रंगत बदल जाये..
चूहा अगर पत्थर का हो तो सब उसे पूजते हैं,
मगर जिन्दा हो तो मारे बिना चैन
नहीं लेते हैं।
साँप अगर पत्थर का हो तो सब उसे पूजते हैं,
मगर जिन्दा हो तो उसी वक़्त मार देते हैं।
माँ अगर पत्थर की हो तो सब पूजते हैं,
मगर जिन्दा है तो कीमत नहीं समझते।
बस यही समझ नहीं आता कि
ज़िन्दगी से इतनी नफरत क्यों और
पत्थरों से इतनी मोहब्बत क्यों..
जिस तरह लोग मुर्दे इंसान
को कंधा देना पुण्य समझते हैं
काश इस तरह ज़िन्दा इंसान
को सहारा देंना पुण्य समझने लगे तो ज़िन्दगी आसान हो जायेगी
क्यों की असली फूल पर कभी
इत्तर लगाया नहीं जाता।
जीवन में सपनो के लिए कभी
अपनो से दूर मत होना,
क्युकी अपनो के बिना जीवन
में सपनो का कोई मोल नहीं।
अच्छे समय से ज्यादा
अच्छे इंसान से साथ रिस्ता रखो,
क्यों की अच्छा इंसान अच्छा समय ला सकता है,
लेकिन अच्छा समय,
अच्छा इंसान नहीं ला सकता।
किसी ने फूल से पूछा की जब तुम्हे तोडा गया तो तुम्हे दर्द नहीं हुआ,
फूल ने जबाब दिया तोड़ने वाला इतना खुस था की मै अपना दर्द भी भूल गाया।
बहुत खुश किस्मत होते है ओ लोग,
जिन्हे "समय" और "समाझ" एक साथ मिलती है,
क्यों की अक्सर "समय" पर "समझ" नहीं आती,
और जब "समझ" आती है तो "समय" हाथ से निकल जाता है।
देने के लिए दान
और त्यागने के लिए अभिमान
शर्वश्रेस्ठ है।
Note:- धर्म सन्देश कृपया आप हमारे इस पोस्ट्स को पढ़े।
सत्य वचन - 14 (दुसरो से सीखे)
Reviewed by Mainuddin Ansari
on
Monday, December 04, 2017
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Bhojpuri Manoranjan Aur Bhaw