हम लोग जब किसी की शादी के रिसेप्शन में जाते है, तो रुपये का एक लिफाफा जरूर देते है, यानि हमारी भासा में नेवता Rs 51,101,111,151 से 500, 1000 या इससे ज्यादा का नेवता जरूर करते है।
अगर कार्ड पे रुपये देने से मना भी किया गया क्यों न हो, तो भी रुपये देना जरुरी समझते है,
पर जब अपना कोई अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा होता है, और उस वक्त जब हम उसे देखने जाते है, कोई लिफाफा हम नहीं ले जाते कोई रूपया नहीं देते। जबकि उस वक्त मरीज के घर वालो को रुपये की सबसे ज्यादा जरुरत होती है,क्या हम सब मिलकर ये नया रिवाज सुरु करे? अगर आप सहमत है तो यहाँ कमेंट में है!जरूर लिखे, हम इस नए रिवाज को सेरियस्ली सुरु करना चाहते है।
अगर कार्ड पे रुपये देने से मना भी किया गया क्यों न हो, तो भी रुपये देना जरुरी समझते है,
पर जब अपना कोई अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा होता है, और उस वक्त जब हम उसे देखने जाते है, कोई लिफाफा हम नहीं ले जाते कोई रूपया नहीं देते। जबकि उस वक्त मरीज के घर वालो को रुपये की सबसे ज्यादा जरुरत होती है,क्या हम सब मिलकर ये नया रिवाज सुरु करे? अगर आप सहमत है तो यहाँ कमेंट में है!जरूर लिखे, हम इस नए रिवाज को सेरियस्ली सुरु करना चाहते है।
Note:- धर्म सन्देश कृपया आप हमारे इस पोस्ट्स को पढ़े।
सत्य वचन - 15 ये नई रिवाज हमें सुरु करना चाहिए,
Reviewed by Mainuddin Ansari
on
Tuesday, December 05, 2017
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Bhojpuri Manoranjan Aur Bhaw